"Aditya-L1" भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा विकसित एक महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशन है, जो सूर्य के करीबी स्थानीय उपग्रह (सूर्य से लगभग 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर) पर जाने का उद्देश्य रखता है। 

"Aditya-L1" के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं :

सूर्य के छायाचित्रण: Aditya-L1 मिशन का मुख्य उद्देश्य सूर्य के छायाचित्रण करना है, जिससे हम सूर्य की सतह की विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकें।

सूर्यमंडल का अध्ययन: इस मिशन के अंतर्गत सूर्यमंडल की विभिन्न प्राकृतिक प्रक्रियाओं का अध्ययन किया जाएगा, जैसे कि सूर्य के मैग्नेटिक फ़ील्ड और कोरोना धूपकिरण।

वैश्विक सहयोग: इस मिशन के जरिए, भारत अंतरिक्ष गतिविधियों में वैश्विक साझेदारी को बढ़ावा देने का भी प्रयास कर रहा है और अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में अपना नाम रोशन करने का कदम बढ़ा रहा है।

सूर्य के तापमान का अध्ययन: मिशन सूर्य के तापमान की अध्ययन करने में मदद करेगा, जिससे हम सूर्य की तापमान वृद्धि और कमी के प्राकृतिक प्रक्रियाओं को समझ सकें।

सूर्य के धूपकिरण का अध्ययन: यह मिशन सूर्य के धूपकिरण की अध्ययन करेगा, जिससे हम इसके प्रभाव और उनके वैद्युत चुंबकीय क्षेत्र पर समझ पाएंगे।

सूर्य के मैग्नेटिक फ़ील्ड का अध्ययन: मिशन सूर्य के मैग्नेटिक फ़ील्ड की विशेषताओं का अध्ययन करेगा, जिससे हम बेहतर समझ सकें कि सूर्यमंडल की कैसे बदलती गतियां होती हैं।

सूर्य के आकर्षण शक्ति का अध्ययन: इसके साथ ही, मिशन सूर्य के आकर्षण शक्ति की अध्ययन करेगा, जिससे ग्रहों की गति पर उसका प्रभाव समझा जा सकेगा।

गौरवसूत्र की छायाचित्रण: मिशन का उद्देश्य है सूर्य के गौरवसूत्र (Coronal Mass Ejections) की छायाचित्रण करना, जो अंतरिक्ष में आपसी रूप से अधिक प्रभावशील हो सकते हैं।

अंतरिक्ष विज्ञान में भागीदारी: इस मिशन में भारतीय वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष विज्ञान में अध्ययन करने का मौका मिलेगा और उन्हें अंतरिक्ष में ब्रह्माण्ड के रहस्यों को समझने में मदद मिलेगी।

सूर्य के अध्ययन से जीवन के लिए सुरक्षा: इस मिशन से हम सूर्य के विज्ञान को बढ़ावा देंगे, जिससे हमारी भूमि पर सूर्य की गतिविधियों के प्रति सुरक्षा में सहायक होगा।