आइंस्टीन एक बहुत ही बुद्धिमान और उत्साही पाठक। उनके अपने बचपन में अपने पिता के पुस्तकालय में राखी हुई काई किताबें पढ़ी थी।
उनका प्रथम शोध पत्र उनके मातृ 16 साल के होते हुए ही लिखा गया था, जिस्मीन वो भौतिक के प्रश्न को हल करने के लिए एक नई तकनिकी ढूंढ रहे थे।
आइंस्टीन के बाल सफेद होने की कहानी बहुत प्रसिद्ध है। उनके बाल सफेद होने की उम्र 26 साल थी।
उनका प्रथम नोबल पुरस्कार उन्हें सैद्धांतिक भौतिकी में मिला था, जब उन्हें फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट के बारे में रिसर्च की थी।
आइंस्टीन एक जुनूनी वायलिन वादक और उनके अपने जिंदगी भर अपने वादन को अपने दिमाग और क्रिएटिविटी के लिए एक मार्गदर्शन के रूप में रखा।
वो बहुत बड़े शांतिवादी और अनहोन प्रथम विश्व युद्ध के समय कुछ समय के लिए स्विट्जरलैंड में शरण लिया था।
आइंस्टीन की लिखी काई पत्रावली और उनकी पर्सनल डायरी, जैसे उन्हें अपनी पत्नी के नाम से "मिलेवा" कहते हुए लिखा था, उसके जीवन और व्यक्तित्व के बारे में अहम प्रकाश डाला है।
आइंस्टीन की सिग्नेचर स्टाइल के बारे में भी कहा जाता है। उनके लकडी के खतरनाक बहुत ही कैरेक्टरिस्टिक होते थे, और उनकी सिग्नेचर अक्सर एक हस्तलिखित समीकरण जैसी दिखती थी।
उनके प्रथम पत्नी के साथ उनका एक लड़का (हंस अल्बर्ट) और एक लड़की (लिसरल) का जन्म दिया था। उनकी दूसरी पत्नी एल्सा आइंस्टीन से उनका दूसरा बेटा (एडुआर्ड) हुआ था।
आइंस्टीन के स्मरण में स्थपित एक स्टैच्यू अपनी भाषा के अलावा, यूज ब्रेली भाषा में भी लिखा हुआ दिखता है, जिससे उनके आक्रोश के प्रति दिखाया जाता है।